बातें करके रुला ना दीजीयेगा...
यू चुप रहके सज़ा ना दीजीयेगा...
ना दे सके ख़ुशी, तो ग़म ही सही...
पर दोस्त बना के यूही भुला ना दीजीयेगा........
खुदा ने दोस्त को दोस्त से मीलाया...
दोस्तो के लीये दोस्ती का रीश्ता बनाया...
पर कहते है दोस्ती रहेगी उसकी क़ायम...
जीसने दोस्ती को दील से नीभाया...
अब और मंजील पाने की हसरत नही...
कीसी की याद मे मर जाने की फीतारत नही...
आप जैसे दोस्त जबसे मीले...
कीसी और को दोस्त् बनाने की ज़रूरत नहीं
यू चुप रहके सज़ा ना दीजीयेगा...
ना दे सके ख़ुशी, तो ग़म ही सही...
पर दोस्त बना के यूही भुला ना दीजीयेगा........
खुदा ने दोस्त को दोस्त से मीलाया...
दोस्तो के लीये दोस्ती का रीश्ता बनाया...
पर कहते है दोस्ती रहेगी उसकी क़ायम...
जीसने दोस्ती को दील से नीभाया...
अब और मंजील पाने की हसरत नही...
कीसी की याद मे मर जाने की फीतारत नही...
आप जैसे दोस्त जबसे मीले...
कीसी और को दोस्त् बनाने की ज़रूरत नहीं
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